यह सारांश पूरे पहले अध्याय का है: अर्जुन की असल समस्या का उद्घाटन।

अर्जुन की असल समस्या पर चित्र

अर्जुन की असल समस्या (भूमिका)– कुरुक्षेत्र की लड़ाई से पहले अर्जुन मन-ही-मन घबरा गया था।– उसे अपने ही रिश्तेदारों, गुरुजनों, मित्रों और धर्म के पक्षियों के खिलाफ लड़ना था।– इस युद्ध में जीत-हार की चिंता नहीं थी, बल्कि “क्यों लड़ूं?” का प्रश्न उसे घेर रहा था।– उसने सोचा—“यदि मैं अपने बंधुओं को मारूंगा तो समाज, … Read more

🌸 गीता की ओर पहला क़दम… 🌸

आज मैं उस महान ग्रंथ की ओर पहला क़दम रख रही हूँ, जिसने मुझे भीतर से झकझोरा, समझाया और बदलना शुरू किया — भगवद गीता। लेकिन ये वही गीता नहीं है जो हमने किताबों में रटकर छोड़ दी थी। यह वह जीवंत गीता है जिसे मैं आचार्य प्रशांत जी से समझ रही हूँ — बिना … Read more

मेरी स्वधर्म यात्रा: जब मैं आचार्य प्रशांत जी से मिली

एक 35 वर्षीय महिला पुस्तक पढ़ते-पढ़ते गहरे विचारों में डूबी हुई – आत्मचिंतन और जीवन के अर्थ की खोज में लीन

भगवद गीता से मेरा जुड़ाव कोई नया नहीं है। पिछले 7-8 वर्षों में मैंने अलग-अलग भाष्यकारों द्वारा रचित लगभग 3 से 4 गीता संस्करण पढ़े। मन में हमेशा एक खोज रही — कि गीता को केवल शब्दों तक नहीं, बल्कि जीवन में कैसे उतारा जाए। पढ़ना तो होता रहा, लेकिन कहीं न कहीं ऐसा महसूस … Read more