श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 11):

"भगवान श्रीकृष्ण शांति से एक चिंतित साधिका को जीवन और मृत्यु के रहस्यों की शिक्षा देते हुए, सूर्यास्त के समय प्राकृतिक पृष्ठभूमि में।"

श्रीभगवानुवाचअशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे।गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः॥ “तुम ऐसे लोगों के लिए शोक कर रहे हो जो शोक के योग्य नहीं हैं, और ज्ञानियों की तरह बातें कर रहे हो। किंतु ज्ञानी न तो मृत (जिसमें प्राण नहीं हैं) के लिए शोक करते हैं, और न ही जीवित (जिसमें प्राण हैं) के लिए।” शोक करना सही है? … Read more

यह सारांश पूरे पहले अध्याय का है: अर्जुन की असल समस्या का उद्घाटन।

अर्जुन की असल समस्या पर चित्र

अर्जुन की असल समस्या (भूमिका)– कुरुक्षेत्र की लड़ाई से पहले अर्जुन मन-ही-मन घबरा गया था।– उसे अपने ही रिश्तेदारों, गुरुजनों, मित्रों और धर्म के पक्षियों के खिलाफ लड़ना था।– इस युद्ध में जीत-हार की चिंता नहीं थी, बल्कि “क्यों लड़ूं?” का प्रश्न उसे घेर रहा था।– उसने सोचा—“यदि मैं अपने बंधुओं को मारूंगा तो समाज, … Read more

🌸 गीता की ओर पहला क़दम… 🌸

आज मैं उस महान ग्रंथ की ओर पहला क़दम रख रही हूँ, जिसने मुझे भीतर से झकझोरा, समझाया और बदलना शुरू किया — भगवद गीता। लेकिन ये वही गीता नहीं है जो हमने किताबों में रटकर छोड़ दी थी। यह वह जीवंत गीता है जिसे मैं आचार्य प्रशांत जी से समझ रही हूँ — बिना … Read more