मासूम जानवर, बेरहम व्यापार
चमड़ा, ऊन, सर्कस, चिड़ियाघर और पशु शोषण की मौन चीखें “जब इंसान की इच्छाएँ हिंसक हो जाती हैं, तब सबसे पहले उसकी करुणा मरती है — और उसके बाद शोषण शुरू होता है।” हमारी दुनिया में रोज़ कुछ ऐसा घटता है, जिसे हमने ‘सामान्य’ कहकर अनदेखा करना सीख लिया है।चमड़े का बैग, ऊन की स्वेटर, … Read more