मेरी स्वधर्म यात्रा: जब मैं आचार्य प्रशांत जी से मिली
भगवद गीता से मेरा जुड़ाव कोई नया नहीं है। पिछले 7-8 वर्षों में मैंने अलग-अलग भाष्यकारों द्वारा रचित लगभग 3 से 4 गीता संस्करण पढ़े। मन में हमेशा एक खोज रही — कि गीता को केवल शब्दों तक नहीं, बल्कि जीवन में कैसे उतारा जाए। पढ़ना तो होता रहा, लेकिन कहीं न कहीं ऐसा महसूस … Read more